मैं ऐसे चल रहा हूं मानो कुछ हुआ ही न हो, पर मेरे मन के अंदर तूफान चल रहा है जो हर चीज नष्ट करते जा रहा है, मेरे विचारों की रफ्तार तेज कर रहा है, जिससे मैं कुछ ढंग से सोच नहीं पा रहा हूं, पर जो सोच रहा हूं वे वो विचार है जिसने तूफान को जन्म दिया है, मैं इस तूफान से बचने की कोशिश कर रहा हूं, मैं आंधियों की मार सह रहा हूं, तेज हवाएं जो मुझे रोकने की कोशिश कर रहे हैं, मैं दोबारा उसे सही करने की कोशिश कर रहा मैं वक्त के पीछे नहीं जा सकता, है उन सब के लिए मैं खुद को दोषी मानता हूं,तो कभी उसे दोषी ठहराता हूं जिसकी वजह से मैं कुछ सीख रहा था, इस वक्त मैं बहुत दुखी हूं, और लोगों को बनावटी चेहरा दिखा रहा हूं जिसे देख कर लगता है मैं शांत हूं सच तो यह है कि मैं अकेलेपन से जूझ कर बहुत थक गया हूं, निराश हो चुका हूं, अकेलापन एक विष है जो शरीर को पूरी जड़ से हिलाने की क्षमता रखता है, मैं हमेशा दो चीजों को सीखना और पाना चाहता था, प्यार और जादू। ये दो चीज़े मुझे पूरी तरह बदल देते थे, एक प्यार जिसे मै अब तक समझ न सका,और अभी तक इसे झेल रहा हूं,मै जितना इन दोनों चीजों के करीब आने की कोशिश करता ह...