Skip to main content

Day 14 (suffering from an illness)

आसिफ  is suffering from an illness  वह जान चुका है कि वह अतीत और भविष्य में रहता है। वर्तमान में रहना उसके लिए मुश्किल है ।वर्तमान में रहने की वह बहुत कोशिश करता है फिर भी वह अतीत और भविष्य में चला जाता है ।

वह अपनी सोच पर काबू करने की कोशिश करता है फिर भी वह वर्तमान में बहुत कम ही रहता है ।वह नहीं जानता कि उसके साथ ऐसा क्यों हो रहा है ।वह जान चुका है कि इस स्मृति एक खतरनाक चीज है जो यादों को समेटे रखता है ।जो बीत चुका है उसे याद रखता है वह नहीं जानता कि ऐसा क्यों होता है और दूसरी तरफ है भविष्य ।

जो होने वाला है पर हुआ नहीं है जिसमें व्यक्ति खुद को देखने की कोशिश करता है कल्पना करता है और खुद को रखने की कोशिश करता है ।अतीत को देखना व उसके बारे में सोचना आसान है पर भविष्य को देखना व उसके बारे में सोचना आसान नहीं है। अतीत जो हमें लगता है कि वह सच है क्योंकि हमने अपनी आंखों से देखा है उसे महसूस किया है हमारी emotion ने भी साथ दिया पर भविष्य ऐसा नहीं है हमारी आंखें नहीं देख सकती। हमने भविष्य को महसूस नहीं किया है पर वह होने वाला है और भविष्य बनता है हमारे निर्णय से।

 पर कुछ लोग होते हैं जो बहुत ही कम होते हैं उनमें भविष्य देखने की एक शक्ति होती है या फिर भविष्य को सुनने की एक ताकत होती है जिसे हम prophet कहते हैं prophet को भी नहीं पता कि वह ऐसे कैसे कर लेता है बस वह ऐसा करता है।

 Prophet को भी खुद के सवाल के जवाब नहीं मिलता और वह इसे gifted कहता है  कहते हैं कि हर सवाल के जवाब होते हैं

शायद prophet के भी सवाल का जवाब हो।

Comments

Popular posts from this blog

Day 1 (Walking)

वह पहाड़ों के नजदीक जाने लगा। एक पेड़ के नीचे जाकर रुका और अपनी नजरें पहाड़ों की चोटियों पर गड़ाई। पहाड़ों के किनारे बसे गांव को देखता है। पत्थर तोड़ते मजदूरों को देखता है। रास्ता जिन्हें मजदूरों ने बनाई है अपनी हाथों की परवाह किए बगैर। वो सड़क जो किसी दूसरे सड़क से जुड़ती है और अपना काम पूरा करती है। न जाने कितने लोगों को उसने वहां पहुंचाया जहां वे पहुंचना चाहते थे। उसका नाम जो सिर्फ वही जानता था क्योंकि उसे जानने वाले अब जिंदा न थे। नियम जो प्रकृति ने बनाए है नियम जिसे तोड़ा नहीं जा सकता । प्रकृति जो अपने नियमों को पूरा करती है।                      बुढ़ापा कुछ लोगों के लिए वो समय जो अपने परिवार के साथ बिताना। वो बुढ़ापा जो गति कम कर देती है। वो बुढापा जिसका अहसास बचपन में नहीं किया जा सकता। कुछ के लिए अपने सपनों को पूरा करना हो सकता है तो कुछ के लिए आराम। वो बुढापा जिसमें किसी ने सहारा ना दिया।                             पहाड़ के किनारे बने सड़कों में ...

How a prophecy work

How a prophecy work He is trying to solve the biggest mystery and finally he got the answer. How a prophecy work. Understanding how a prophecy work is like solving the secret of the universe.  If someone hear the voice of future time. It can make a prophecy. Hearing future time means only he will hear the voice . He can’t see the future ,he can’t see the colour , he can’t feel the smell,only he will hear the words.       And other type of prophecy is he can see the future ,he will hear the voice also, he can fill the energy of negative or positive,he can feel the emotion,it is better than only hearing voice. This is the answer of prophecy work. It means everything is preplan (हर चीज पहले से तय है) It solve the puzzle and make a question (how this is possible) It looks like impossible & mystery remain mystery 

Day 3 (Storyteller)

मैं जितने लोगों से मिला हूं उनके पास कहने के लिए कुछ था मैं लोगों की बातें सुनता हूं और कुछ लोगों को काम करते देखता हूं। ताकि मैं कुछ समझ सकूं। या फिर यूं कहे कि मैं मुफ्त की चीजें देखने का आदी हूं। रास्ते में कभी कुछ लोग मिल जाते हैं तो कभी यूं ही अकेला खामोश पैदल चलता रहता हूं ।मैं आसपास की चीजों व हलचल को समझने की कोशिश करता हूं ।ठीक उसी तरह जिस तरह अनजान व्यक्ति अनजान जगह पर करता है। कभी-कभी तो मैं खुद समझ नहीं पाता कि मैं यहां क्यों हूं। कभी-कभी सोचता हूं कि मेरे साथ चमत्कार क्यों नहीं होता या फिर मेरे साथ चमत्कार होते हुए भी मैं उसे नहीं देख पाता हूं। मैं क्यों अकेला हूं खुद के सवालों का जवाब पाने के लिए ।आखिर क्यों कुछ लोग दिल को छू जाते हैं तो कुछ लोग नहीं।               इतना अंतर क्यों है। क्या चीज मुझे एक चीज को चुनना सिखाती है और दूसरे को नहीं ।                कभी-कभी मैं सोचता हूं कि मैं एक ऐसी जिंदगी जी रहा हूं जिसका कोई मतलब नहीं। वही हवाओं के झोंके ,वही आसमान ,वही मौसम ,वही जगह और वही मैं। ...