हम छोटी- छोटी खुशियां मनाते हैं और इससे हम अपनी दुनिया बनाते हैं, क्या सदियों से दुनिया ऐसी चलती आ रही है?कभी- कभी हम किसी चीज से डर कर अपना रास्ता मोड़ लेते हैं हमें पता ही नहीं होता कि वह रास्ता कहां जाएगा, हम आगे जाते रहते हैं और हम वह चीज ढूंढ लेते हैं जो चीज हमने पहले कभी नहीं ढूंढा था ऐसा मेरे साथ भी हुआ, मैंने वो चीज देखा जो मैंने पहले कभी नहीं देखा था,मैंने कुछ सवाल लोगों से पूछा जो मेरे मन में चल रहा था और जवाब मेरे सामने हाजिर था। हमें थोड़ा सा साहस करके पूछना भर होता है और जवाब भी मिल जाता है, जवाब देने वालों की आंखों में कुछ देर के लिए चमक आ जाती है, क्योंकि उन्हें लगता है कि जो चीज उन्होंने सीखा है वह किसी काम के नहीं, वैसे भी मैं बोर हो रहे होते हैं क्योंकि उनके पास करने को कुछ और नहीं होता। मैं सोचता हूं रास्ता काफी लंबा हो, ऐसे लोगों से मिलूं जिनके बारे में मैं हमेशा सोचता था (पर ऐसा कभी होता नहीं था) वह काम करूं जिसे करने की मेरी हमेशा से चाहत रहती थी (पर कभी कर नहीं पाता था) मेरे साथ कोई रहे (जिस पर ...