आखिर क्यों कुछ लोग मरने का निर्णय लेते हैं तो कुछ लोग जिंदा रहने का। क्या हम अकेले हैं या फिर हमारे साथ कोई है जो हमारी मदद करता है जिनके बारे में हम नहीं जानते ।
मैं जिंदा हूं इसके लिए मैं कृतज्ञ हूं। हर वह चीज जिसे मैंने देखा है , हर वो रास्ता जिस पर मैंने चला है। हर वो आदमी जो कुछ कहता है ।मैं सिर्फ रास्ता चुन सकता था ।और मैंने जिंदा रहने का रास्ता चुना ।मेरे लिए वर्तमान ही काफी था।
हर चीज के होने का एक वजह है पेड़ों से पत्तियां गिर जाती है और उसी पेड़ पर पत्तियां उग जाती है। गिरी हुई पत्तियों का भी वजह है और उगने वाली पत्तियों का भी एक वजह है।
अकेलापन उस चीज के बारे में सोचने पर मजबूर कर देता है जिस चीज के बारे में पहले कभी न सोचा था ।हर दिन एक जैसा नहीं होता है फिर भी हम एक जैसा महसूस करते हैं ।
वह व्यक्ति बादलों को देखता है फिर पक्षियों को। अचानक मौसम बदलता है फिर बादलों से पानी गिरने लगते हैं। पक्षियों अब भी आसमान में उड़ रहे थे । उसने देखा कि पक्षियों ने अपनी उड़ने की गति बढ़ा ली थी। अब वे तेजी से उड़ रहे थे । पंछिया क्या सोच रहे थे ये तो मुझे नहीं मालूम पर वे मुझे सोचने पर मजबूर कर रहे थे ।
वह चला जा रहा था, उसके चेहरे से निराशा की झलक आसानी से देखे जा सकते थे, उसकी आंखें बता रही थी कि उसने कुछ भी हासिल नहीं किया जो पाना चाहता था ।वह अकेला है।और वह जानता था कि अकेलापन क्या चीज है ।एक ऐसी चीज जो जड़ से हिलाने की ताकत रखता है । हर चीज आंखों से ओझल होते जा रहा था। सवालों और जवाबों से वह कोसों दूर भागना चाहता था। पर वह ऐसा नहीं कर सकता था ।विचारों का आना तो स्वाभाविक है।
दुनिया उसे एक झूठ की तरह लगता है। वह देखता है कि वह क्या सीखना चाहता है पर आसपास की चीजें उसे क्या सिखाती है ।वह रात में जब सोता है तो सोचता है कि काश कल सुबह ही ना हो।
मैं जिंदा हूं इसके लिए मैं कृतज्ञ हूं। हर वह चीज जिसे मैंने देखा है , हर वो रास्ता जिस पर मैंने चला है। हर वो आदमी जो कुछ कहता है ।मैं सिर्फ रास्ता चुन सकता था ।और मैंने जिंदा रहने का रास्ता चुना ।मेरे लिए वर्तमान ही काफी था।
हर चीज के होने का एक वजह है पेड़ों से पत्तियां गिर जाती है और उसी पेड़ पर पत्तियां उग जाती है। गिरी हुई पत्तियों का भी वजह है और उगने वाली पत्तियों का भी एक वजह है।
अकेलापन उस चीज के बारे में सोचने पर मजबूर कर देता है जिस चीज के बारे में पहले कभी न सोचा था ।हर दिन एक जैसा नहीं होता है फिर भी हम एक जैसा महसूस करते हैं ।
वह व्यक्ति बादलों को देखता है फिर पक्षियों को। अचानक मौसम बदलता है फिर बादलों से पानी गिरने लगते हैं। पक्षियों अब भी आसमान में उड़ रहे थे । उसने देखा कि पक्षियों ने अपनी उड़ने की गति बढ़ा ली थी। अब वे तेजी से उड़ रहे थे । पंछिया क्या सोच रहे थे ये तो मुझे नहीं मालूम पर वे मुझे सोचने पर मजबूर कर रहे थे ।
वह चला जा रहा था, उसके चेहरे से निराशा की झलक आसानी से देखे जा सकते थे, उसकी आंखें बता रही थी कि उसने कुछ भी हासिल नहीं किया जो पाना चाहता था ।वह अकेला है।और वह जानता था कि अकेलापन क्या चीज है ।एक ऐसी चीज जो जड़ से हिलाने की ताकत रखता है । हर चीज आंखों से ओझल होते जा रहा था। सवालों और जवाबों से वह कोसों दूर भागना चाहता था। पर वह ऐसा नहीं कर सकता था ।विचारों का आना तो स्वाभाविक है।
दुनिया उसे एक झूठ की तरह लगता है। वह देखता है कि वह क्या सीखना चाहता है पर आसपास की चीजें उसे क्या सिखाती है ।वह रात में जब सोता है तो सोचता है कि काश कल सुबह ही ना हो।
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Khub likha h.