वह पहाड़ों से सीधे ऊपर की तरफ जा रहा था।जब वह ऊपर पहुंचा तो उसने सोचा कि कुछ देर ठहरा जाए।वह एक छोटे से चट्टान पर बैठ गया और नीचे की ओर देखने लगा। पेड़ पोधों को देखता रहा, हवाओं को महसूस किया। पक्षियां आसमान में उड़ रहे थे जिन्हें किसी चीज का डर न था।अब डूबते सूरज को कुछ देर तक देखता रहा फिर वह वहां से नीचे आने लगा। अब उसने अपनी राह पकड़ी और गांव की ओर चल दिया। जब वह सोया और जब वह उठा तो इसके बीच उसने एक ऐसी दुनिया देखा या फिर वह एक ऐसी दुनिया में था जहां से वह वापस नहीं आना चाहता था। कुछ देर सोचता है काश मैं हमेशा के लिए उसी दुनिया में रहता। वह दुनिया जिसे हर कोई देखता है और उठते ही उसे वह दुनिया नष्ट होने का आभास होता है ।वह दो तरह की दुनिया में जीता है एक दृश्य और दूसरा अदृश्य ।जो वह उठता है तो दूसरी दुनिया को भूल जाता है।एक रात जब मैं सो रहा था।तब मैंने खुद को अनजान कमरे में पाया।मेरे साथ पांच लोग और थे।जिसमें से एक मेरा दोस्त था।मै और मेरा दोस्त उस कमरे में पहली बार आए थे।हम सभी एकसाथ फर्श पर बैठे थे।हम एक नई चीज सीख रहे थे।जो वाकई बहुत पुरानी थी।सभी आंख खोले हुए थे।मै और मेरे दोस्त ने आंखे बंद की थी।मैंने खुद को वहां के वातावरण पर हावी होते पाया। किसी शख्स द्वारा बोले गए शब्द हम पर हावी हो रहे थे । हम सभी किसी दूसरी दुनिया में खो गए थे। वहां पर बदलते दृश्य को मैंने नहीं देखा क्योंकि मुझमें देखने का साहस न था । पर मैं उस चीज को महसूस कर रहा था जो हमारे आसपास फैली हुई थी । मैं समय की बहुत पीछे चला गया था। अजीब सी आवाजें सुनाई दे रही थी । पर शब्दों का अर्थ समझ नहीं आ रहा था । जैसे वे शब्द हमें हुक्म दे रहे हों। वातावरण में एक अजीब सी ऊर्जा थी। मुझे डर सा महसूस हो रहा था। हम बीच में रुक नहीं सकते थे। शुरुआत जब हमने कर दी तो हमें ही इसे पूरा करना था ।कुछ देर बाद सब शांत हो गया ।आवाज अब हमें सुनाई नहीं दे रही थी। हमारी सांसे बहुत तेज गति से चल रही थी । मैंने अपनी आंखें खोली पर मुझे कुछ भी नजर नहीं आ रहा था । मैं थोड़ी देर के लिए घबरा गया था ।फिर धीरे-धीरे हर चीज नजर आने लगी ।मैंने खुद को शुक्रिया किया कि मैं जिंदा था। मैंने खुद को वर्तमान में पाया। हम किसी चीज की शुरुआत करने के लिए अनुष्ठान कर रहे थे पर वह चीज मुझे याद नहीं नहीं आ रहा था । जब मेरी आंखें खुली तो मैं अपने बिस्तर पर था। वह एक सपना था । फिर हर चीज धूमिल होती गई जो मैंने सपने में महसूस किया था ।मैंने पहली बार इस चीज को महसूस किया था।
आसिफ़ को हमेशा से ही सितारों की ओर आकर्षित किया जाता था। बचपन से ही वह अपने परिवार के साधारण घर की छत पर लेटकर रात के आसमान के विशाल विस्तार को निहारता रहता था। सितारे उसे रहस्य बताते प्रतीत होते थे, उनकी टिमटिमाती रोशनी शून्य से पुकारती दूर की आवाज़ों की तरह होती थी। लेकिन जैसे-जैसे वह बड़ा होता गया, उसके मन में जो सवाल कभी आश्चर्य से भरे रहते थे, वे उसके दिल पर भारी पड़ने लगे। *जीवन का अर्थ क्या है? हम यहाँ क्यों हैं?* सितारे, जो कभी सुकून का स्रोत थे, अब एक पहेली की तरह लग रहे थे, जिसे सुलझाने के लिए वह बेताब था। एक ठंडी शरद ऋतु की शाम, आसिफ़ अपने गाँव के पीछे की पहाड़ी पर चढ़ गया, एक ऐसी जगह जहाँ आधुनिक दुनिया का प्रकाश प्रदूषण नहीं पहुँच सकता था। उसके ऊपर आकाशगंगा फैली हुई थी, अंधेरे को चीरती हुई रोशनी की एक नदी। वह अपने साथ एक घिसी-पिटी नोटबुक ले गया था, जिसके पन्ने नक्षत्रों के रेखाचित्रों, दार्शनिक चिंतन और कविता के अंशों से भरे थे। वह एक सपाट चट्टान पर बैठा था, ठंडी हवा में उसकी साँस दिखाई दे रही थी, और ऊपर की ओर देख रहा था। “तुम मुझे क्या बताने की कोशिश कर रहे हो?” उसने ...
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